बुधवार, 9 नवंबर 2011

गजल

तात-तात  तातसभ दिश अछि भ्रष्टाचार देखै छी
के राजा के रंकसभक यैह अछि शिष्टाचार देखै छी

घूस दियोघूस लियोघूस पिबू,घूस  खाइ जाउ यौ
घूस अछि हमर ब्रहम अछि सदाचार देखै छी

घूसं ब्रह्माघूसं विष्णुघूसं देव महेश्वरः सुनै छी
घूसं जीवन  मरणंइत्तेक छी हम लाचार  देखै छी

हाय पैसाहाय पैसासभ किछु अछि पैसे-पैसा किए ई
धर्म करूकर्म करूछोडू  सभटा दुराचार देखै छी

आजुक कालमे व्याकुल उत्पल कहि रहल  अछि
नीक काज नै करबनाम पर होयत मूत्राचार देखै छी.

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों