गजल -------- जगदीश चन्द्र ठाकुर 'अनिल'
गोबर नीपल आंगन थीक
तैपर सुन्दर अरिपन थीक।
गुटखा,सिगरेट,पान,तमाकुल
सभ मनुक्खक दुश्मन थीक।
काजक आगू भोजक पाछू
ई अपनेक बडप्पन थीक।
मण्डलजीक 'बिसांढ' पढू
बूझब की जन-जीवन थीक।
बिष प्रत्यक्ष प्रसंशामे अछि
भागू भागू गहुमन थीक।
अन्ना आ अरविन्दक जोडी
एक राम एक लछुमन थीक।
अजब नशा अछि गीत-गजलमे
उत्सवमे इ तन-मन थीक।
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रविवार, 20 नवंबर 2011
गजल
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jagdishchandra thakur 'Anil'
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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
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