नोर भरल अछि नयनामे
कुचरय कौआ अंगनामे
नोकरी भेटि गेलनि बौआ कें
राति देखलियनि सपनामे
सुनैछी बिजली रहतै भरिदिन
दरभंगा आ पटनामे
चारि बरख सं संग रहैछी
की दीय' मुंहबजनामे
की भेटल की हेरा गेल अछि
ताकि रहल छी अपनामे
नोर भरल अछि नयनामे
कुचरय कौआ अंगनामे
नोकरी भेटि गेलनि बौआ कें
राति देखलियनि सपनामे
सुनैछी बिजली रहतै भरिदिन
दरभंगा आ पटनामे
चारि बरख सं संग रहैछी
की दीय' मुंहबजनामे
की भेटल की हेरा गेल अछि
ताकि रहल छी अपनामे
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