गजल
अहाँ सँ मिलवा लेल आयल छलों
आबि बहुत पछ्तेलहूँ हम
सोचि दूरी एहि असगरपन कें
ओहि राति बड देर धरि जागलों हम
पुरबैया केर झोंक जकां लोग कतेक
आयल, कतेको सँ ओकतायलहूँ हम
जाहि सोच में ओ डूबल छलाह
ओहि 'भावना' सँ घबरेलहूँ हम .
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सोमवार, 21 नवंबर 2011
गजल
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Dr Bhawna Navin
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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
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