बुधवार, 29 जनवरी 2014

गजल

हमरा देखिते ओ लजा गेलै
जादू नेहकेँ ओ चला गेलै

भेलै कात नै ई नजरि कनियो
चुप्पे चाप नैनसँ बजा गेलै

रहितो दूर देहसँ हमर जे ओ
छातीमे बुझायल सटा गेलै

अनचिन्हार छल ओ मुदा एखन
सदिखन लेल अप्पन बना गेलै

कुन्दन केर ओ मानिकेँ जिनगी
कोमलसन हियामे बसा गेलै

मात्रा क्रम:2221-2212-22

© कुन्दन कुमार कर्ण

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों