गुरुवार, 2 जनवरी 2014

गजल

गजल-1.76

आब किताबेमे लाज धाख देखू
चुप रहि केवल नबका सियाख देखू

घोर छुआछूतक पढ़ब पाठ मीता
छूबि कने अस्थिक आइ राख देखू

नै जँ दहलि गेल हृदय तखन बाजब
सर्कसमे जन सिसकैत लाख देखू

राति-दिनक अन्तर बूझि लेब तखने
हमर कुटिर, ओकर साफ ताख* देखू

छोड़ि कऽ भागब शिक्षा विभाग मीता
गामहि टा मे शिक्षकक साख* देखू

*ताख= छज्जी
*साख= प्रतिष्ठा
2112-2221-2122
अमित मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों