छिया डेग डेग पर घिना देलक
कुकरमी त' भेल पातकी देखू
सहकि नाक कान सभ कटा देलक
सजा फेर एक नारि हेबाकें
सहल ओ धिया हिया कना देलक
चलल खेल धरि लहास पर सेहो
सगर राजनीति सभ चला देलक
जँ राजीव आब बानि नै बदलल
बुझब व्यर्थ प्राण ई धिया देलक
१२२१ २१२ १२२२
@ राजीव रंजन मिश्र
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