इसाइ नव बर्खक
सभकेँ शुभकामना ऐ गजलक संग---
एते बड़का नबाब
हमहीँ छी
किनको ठोरक गुलाब
हमहीँ छी
ई खिस्सा सभ सुना
क' भेटत की
सभ खिस्साकेँ जबाब
हमहीँ छी
सदिखन रहब मातल
कने देखू
हुनकर आँखिक शराब
हमहीँ छी
तोहर टुटलौ जँ
घर तँ हमरा की
मुखियाजीकेँ हिसाब
हमहीँ छी
टेंगारी दोस्त
छै हमर बड़का
कठकोकाँड़िक चुनाब
छी हमहीं
सभ पाँतिमे
2222-12-1222 मात्राक्रम
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