शीत सन शीतल तरल
उज्जर हँसी
कंच परहँक ओस अछि
हुनकर हँसी
आइ चुप छथि ओ बहुत
देरसँ किए
काल्हि बड़ ठहकल
रहै जिनकर हँसी
गहुमने सनकेँ तँ
ईहो तेज छै
ढ़ोरिया सभ हँसि
रहल साँखर हँसी
धाह देहक होइ छै
अजगुत सनक
गलि क' बहि गेलै
तुरत पाथर हँसी
लोकतंत्रक भीड़मे
छै पेंच यौ
मोटका सन बुझि
पड़ै पातर हँसी
सभ पाँतिमे 2122+2122+212
मात्राक्रम अछि।
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