शुक्रवार, 31 जनवरी 2014

गजल

नेहक झूठ आश नै दिअ
धरती बिनु अकाश नै दिअ

हो अस्तित्व नै हमर जतऽ
तेहन ठाम बास नै दिअ

अनहारे रहत हमर हिय
ई फुसिकेँ प्रकाश नै दिअ

हम छी जाहिमे बसल नै
से बेकार सांस नै दिअ

नै चाही सिनेह एहन
जिनगीमे हतास नै दिअ

मात्रा क्रम : 2221-2122
(मफऊलात–फाइलातुन)

© कुन्दन कुमार कर्ण

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों