गजल
आँखि आँखिमे सभटा कहि गेल
बात बातमे जुलमी गहि गेल
बात बातमे जुलमी गहि गेल
नैन बाणकेँ मारुक खंजरसँ
मोन प्राण अधमारल रहि गेल
मोन प्राण अधमारल रहि गेल
पल उठा क' देखल ओ जखने त'
विश्वमित्र देबालो ढहि गेल
विश्वमित्र देबालो ढहि गेल
औ नयन कमानक सर बेधलसँ
वीर हारि टा सगरो महि गेल
वीर हारि टा सगरो महि गेल
नेह धारमे डूबल राजीव
भोर साँझ सभ तारन सहि गेल
२१२१ २२२ २२१
भोर साँझ सभ तारन सहि गेल
२१२१ २२२ २२१
@ राजीव रंजन मिश्र
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