सोमवार, 20 जनवरी 2014

गजल

गजल

काटि मनुख जिबिते छागरकेँ
स्नान करत गंगासागरकेँ

दोष सदति ताकत गामक धरि
बानि अपन झरकल बागरकेँ 

आब बहत के तीला चाउर
पेट खगल सभकेँ गागरकेँ

चान चकोरक जोड़ी लाजे
देखि रहल हिय सौदागरकेँ 

मोन अकछि खहड़ल राजीवक
एक भरोसा नटनागरकेँ 

2112  22 222
@ राजीव रंजन मिश्र 

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों