रविवार, 19 जनवरी 2014

गजल

ओ केखनो दवाइ बनि गेल
आ केखनो कसाइ बनि गेल

गप्पे छलै पचास बिग्घाक
सभ योजना हवाइ बनि गेल

हम उड़ि रहल छलहुँ अनेरेक
ओ संगमे लटाइ बनि गेल

आँखिक कमाल छै की हँसी केर
मोनक जहर मिठाइ बनि गेल

जेबी हमर ससुर जकाँ बौक
मँहगी तँ घर जमाइ बनि गेल


सभ पाँतिमे 2212+12+1221 मात्राक्रम अछि


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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों