बुधवार, 14 सितंबर 2011

गजलक संक्षिप्त परिचय भाग-19

खण्ड-19

आब हमरा लोकनि ई जानी जे अरबीक एहि आठो रुक्नकेँ मैथिलीमे केना बदलि सकैत छी। मैथिलीमे दू प्रकारक छन्द पद्धति अछि मात्रिक आ वार्णिक ।
A) मात्रिक--एहिमे दू, तीन, चारि, पाँच आ छह मात्रा खण्डके जोड़ि कए अक्षर विन्यास कएल जाइत छैक। आ एहि अक्षर विन्यासकेँ गण कहल जाइत छैक। मात्रिक छन्दमे पाँच टा गण होइत अछि--
क) ण (णगण) = द्विकल मने दू मात्राक खण्ड
ख) ढ (ढगण) = त्रिकल मने तीन मात्राक खण्ड
ग) ड (डगण) = चतुष्कल मने चारि मात्राक खण्ड
घ) ठ (ठगण) = पंचकल मने पाँच मात्राक खण्ड
ङ) ट (टगण) = षटकल मने छह मात्राक खण्ड
एहि गणकेँ अतिरिक्त मैथिलीमे एक मात्रा, सात मात्रा आ आठ मात्राक वर्ण विन्यास सेहो होइत छैक। मुदा ओकरा गण नहि मानल जाइत छैक। कारण एक मात्रा अपूर्ण भेल। तेनाहिते सात वा आठ मात्रा बला विन्यास कोनो ने कोनो रुपेँ उपरक पाँचो गणसँ मिलैत अछि। उदाहरण लेल सात मात्राक वर्ण विन्यास देखू” पहिराओल” = 11221 । आब एहिमे देखू पहिल तीन मात्रा मने (112) चतुष्कलक रुप थिक आ अन्तिम दूनू मात्रा मने (21) त्रिकलक रुप थिक। आठ मात्राक लेल एहने सन गप्प। उपरक पाँचो मात्रा विन्यासकेँ अलग-अलग रुपेँ लिखल जा सकैए आ एहि हिसाबें द्विकल दू रूप मे लिखल जाइत अछि--
1) घर = 11 (गजलमे 2)
2) ओ = 2
त्रिकल तीन रूप मे लिखल जाइत अछि--
1) भिजा = 12
2) अपन = 111 (गजलमे 12)
3) आब = 21
चतुष्कल पाँच रूप मे लिखल जाइत अछि--
1) छौंड़ी = 22
2) तकरा = 112 (गजलमे 22)
3) चुमान = 121
4) फेकल = 211 (गजलमे 22)
5) सदिखन = 1111 (गजलमे 22)
पञ्चकल आठ रूप मे लिखल जाइत अछि--
1) लड़ाकू = 122
2) तिलकोर = 1121 ((गजलमे 221)
3) ठेकुआ = 212
4) तरेगन = 1211 (गजलमे 122)
5) सरधुआ = 1112 (गजलमे 122)
6) जागरण = 2111 (गजलमे 212)
7) अंगूर = 221
8) चहटगरि = 11111 (गजलमे 122)
षटकल  तेरह रूप मे लिखल जाइत अछि---
1) सोहारी = 222
2) बपखौकी = 1122 (गजलमे 222)
3) सुधामयी = 1212
4) मादकता = 2112 (गजलमे 222)
5) असगरुआ = 11112 (गजलमे 222)
6) सिताएल = 1221
7) लालटेन = 2121
8) खटखटाह = 11121 (गजलमे 2121)
9) मोताबिक = 2211 (गजलमे 222)
10) अधमौगति = 11211 (गजलमे 222)
11) सुरेबगर = 12111 (गजलमे 1212)
12) राजभवन = 21111 (गजलमे 2112)
13) चपलचरण = 111111 (गजलमे 1212)

जेना कि पहिनेहेंसँ कहैत आबि रहल छी जे गजलमे दूटा लघुकेँ सेहो दीर्घ मानल जाइ छै।
तँ चलू आब एहि पाँचो गणसँ अरबी रुक्न बनाबी (संस्कृतानुसार उदाहरण दऽ रहल छी)। ई अरबी रुक्न आठ अछि । तँ देखू एकर नियम--
1) जँ द्विकलक (णगनक) एहन रूप जाहिमे एकसरें दीर्घ मने22 (जेनाजे, गे, खो, जो आदि) रहए आ तकरा बाद पञ्चकल (ठगण)क ओ रूप रहए जाहिमे पहिल वर्ण लघु आ तकरा बाद दूनू दीर्घ (122) हो तँ जे रूप बनत से उर्दू मे “फाइलातुन” कहबैत छैक। एकटा उदारहरण लिअ “गे सुशीला” एकर मात्रा क्रम अछि (2122)  आब एकरा “फाइलातुन” (2122)सँ मिलाउ। एकरा एना देखू 2 + 122 = 2122
2) जँ पञ्चकल (ठगण)क ओ रूप जाहिमे पहिने दूटा दीर्घ आ तकरा बाद एकटा लघु हो (221) तकरा द्विकल (णगन)क ओहन रूपसँ जोड़ू जाहिमे एकसरें दीर्घ (2) हो। तँ ओ “मुस्तफइलुन” (2212) बनत। एकरा एना देखू221 + 2 = 2212
3) जँ त्रिकल (ढगण)क ओहन रूप जाहिमे पहिल लघु आ दोसर दीर्घ (12) हो तकरा चतुष्कल (डगण)क ओहन रूपसँ जोड़ू जाहिमे दूनू दीर्घ (22) छैक। तखन जे बनत तकरा “मफाईलुन” (1222) बनत मने। उदाहरण लेल--निशा एलै (1222)। एकरा एना देखू12 + 22 = 1222
4) जँ चतुष्कल (डगण)क ओहन रूप जकर शुरूआतमे दूटा लघु आ अन्तमे एकटा दीर्घ होइ मने (112) तकरा त्रिकल (ढगण)क ओहन रूपसँ जोड़ू जाहिमे पहिल लघु आ अंतिम दीर्घ मने (12) तँ “मुतफाइलुन” (11212) बनि जाएत। एकरा एना देखू112 + 12 = 11212
5) जँ पञ्चकल (ठगण)क ओहन रूप जाहिमे पहिल लघु दोसर दीर्घ आ तकरा बाद अन्तिम दूनू लघु मने (1211) हो तकरा द्विकल (णगण)क ओहन रूपसँ जोड़बै जाहिमे एकटा दीर्घ होइक मने (2) तँ मफाइलतुन बनि जाएत। एकरा एना देखू1211 + 2 = 12112
6) जँ चतुष्कल (डगण)क ओहन रूप जाहिमे दूनू दीर्घ हो (22) मने तकरा त्रिकल (ढगण)क ओहन रूपसँ जाहिमे पहिल दीर्घ आ अन्तिम लघु (12) मने हो तँ “मफऊलात” (2212) बनत। एकरा एना देखू22 + 12 = 2212
7) पञ्चकल (ठगण)क ओहन रूप जाहिमे पहिल लघु आ तकरा बाद दूनू दीर्घ हो मने (122) से “फऊलुन” कहाइत अछि। एकरा एना देखू 122

8) पञ्चकल (ठगण)क ओहन रूप जाहिमे पहिल दीर्घ आ तकरा बाद लघु तकरा बाद फेर दीर्घ हो मने (212) से “फाइलुन” कहल जाइत अछि। एकरा एना देखू 212

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