गुरुवार, 8 सितंबर 2011

गजल

देखिऔ तँ केना भेलैक गाछके कात भेने

चिड़ैआ बाजब छोड़ि देलक परात भेने


अहाँक दरस-परस बड्ड महँग अछि

सटि जैतहुँ अहाँक देह मे बसात भेने


आशो राखी तँ कनेक नीके जकाँ राखी भाइ

दालिए आ तीमन ने बचै छैक भात भेने


सभँहक घरमे एकटा अगत्ती जन्मए

सरकारक निन्न टुटै छै खुरफात भेने


लागि गेलै भरना सभँहक भाग-सोहाग

आब की हेतै आगि लग सप्पत-सात भेने



**** वर्ण---------16*******

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों