अपनेसँ आगि लगबैत छी मिझबैत छी
अपनेसँ पीबि खसैत छी आ सम्हरैत छी
आँखिमे भरल छै नोरक धन लकथक
अपनेसँ जमा करैत छी आ लुटबैत छी
शांत इजोरिआमे अशांत करेज हमर
अपनेसँ हकार दैत छी आ नोंत पुरैत छी
टूटल करेजके तँ आरो टुटबाक इच्छा
अपने करेज तोड़ैत छी आ कुहरैत छी
केबूझत हमर दुख आ दर्द एहिठाम
चिन्हार रहितहुँ अनचिन्हार रहैत छी
**** वर्ण---------16*******
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