गुरुवार, 15 सितंबर 2011

गजल


कोसी मैया के कृपा अथाह भऽ गेलै,
खेत लागल पाँच बीघा तबाह भऽ गेलै।

सगरो खेत बनल छै बालू के भीत,
गामक बाट सेहो बलुआह भऽ गेलै।

डीलर कहैत छै कोनो खाद नहि आयल,
मुदा पेट हुनक बडका कडाह भऽ गेलै।

दुनू साँझक भात पर भेल अछि आफत,
घर मे सब कहैत अछि तमसाह भऽ गेलै।

यौ किसानक जिनगी अन्हारे मे कटतै,
"ऒम" किछु बाजत, कहबै बताह भऽ गेलै।

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों