सत असत मे भेद करू, राखू नै किछु रोख
ततमत नै करू कनियो, जे छै होनी लेख
जे छै होनी लेख, हुए से नीक निकेना
सत्यक जीत हएत , जँ करबै अकसतिकस ने
डर संग असत केर, डर ढाहू मध्य हृदयक
ऐरावतक बुझैत, यएह छी असत्यक सत
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बुधवार, 28 सितंबर 2011
कुण्डली
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कुण्डली,
गजेन्द्र ठाकुर
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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
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