एही दुनिया म अहाँक नै नोर पोछ्त कियो
काज जो निकैल जाएत नै घुरि देखत कियो
कुकर्मक इ राह पर लोग बढ़ि गेल एते
अहाँ कतबो घुरा लीअ नै घुरि सकत कियो
अपनहि आन स जे मान एता पाबय छैक
दोसरक मान अछि की नै बुझि सकत कियो
कलमक धार स त बहुतो लिखायत छैक
ज्ञनगर एही बात कए जुनी पढ़त कियो
काज जो निकैल जाएत नै घुरि देखत कियो
कुकर्मक इ राह पर लोग बढ़ि गेल एते
अहाँ कतबो घुरा लीअ नै घुरि सकत कियो
अपनहि आन स जे मान एता पाबय छैक
दोसरक मान अछि की नै बुझि सकत कियो
कलमक धार स त बहुतो लिखायत छैक
ज्ञनगर एही बात कए जुनी पढ़त कियो
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