सोमवार, 26 सितंबर 2011

गजल

ने सुनलक फरियाद सरकार चलु घुरि चली
ने सुनलक जन मानस पुकार चलु घुरि चली

बच्चा कटैत ओन्गोछिया, पडल भारि हफ़्ता उपास
दाना दाना तरसै ने सुनू चीत्कार चलु घुरि चली

सब सोच दर्शन भेल व्यर्थ आई जनक धाम मे
जखनि भेल सद्यः उदर प्रहार चलु घुरि चली

छी स्वतंत्र प्रजातंत्र राज बिन बिलायती बाबू के
अपन देश मे किएक हाहाकार चलु घुरि चली

ग़लत नेता चुनि पठाओल बढाओल भ्रस्टाचार
आब सुनि हुनक जयजयकार चलु घुरि चली

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों