शनिवार, 24 सितंबर 2011

गजल

नींद हमारा कहियो अहां जे आनय ने देलहु

आन्खि मीरल कतबहु अहां कानय ने देलहु


हम ते केलहु प्रेम एकदिसाहे ओ बेहिसाब

अपन प्रीत के हमारा अहां जानय ने देलहु


संगक आस लगाय करैत छलहु इंतजार

परिणय पाश मे किन्तु अहां बान्हय ने देलहु


ई जातिभेद तोड्बाक साहस छल हमरा मे

लेकिन ओ ज़िद अहां हमारा ठानय ने देलहु


जिंदगी निरर्थक रहत अहां केर प्रेम बिना

बुझितो बात सबटा हमरा मानय ने देलहु



**वर्ण १८***

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों