सोमवार, 26 सितंबर 2011

कुण्डली

ऐ कुण्डलीक प्रयोग सायास रुपें एहि ब्लाग पर देल गेल अछि। कारण हरेक मैथिली छंद आ उर्दू बहरक समानता-असमानता देखाबए लेल इ नीक रहत।



कुण्डली


बोल वचन हुअए नीक, बूझि बाजी जँ बात

गुम्म रहनाइए ठीक, हुए जँ नमहर जाल

हुए जँ नमहर जाल, लेत ओ लप दऽ भीतर

हल्ला बनि जाएत, नै अछि जँ बेर उचित पर

सुनू हमर ई बात, बात होइए अनमोल

ऐरावत कहि जाय, कहू नै ओल सन बोल

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों