बाल गजल-64
नारियर गाछपर बैसल चारि सुग्गा
हमर आँगन आइ आयल चारि सुग्गा
भोरमे जोरसँ जपै छै नाम रामक
जागि गेलै गाम जागल चारि सुग्गा
लाल लोलसँ खाइ छै मिरचाइ हरियर
नै कऽरू लागैछ भूखल चारि सुग्गा
ठोर पटकै संग सब नारियर फऽरपर
लोल टूटै नै जँ हारल चारि सुग्गा
मोन लागल खूब हमरा झूमि उठलौँ
साँझ पड़िते उड़ि कऽ भागल चारि सुग्गा
2122
फाइलातुन तीन बेर
बहरे-रमल
अमित मिश्र
नारियर गाछपर बैसल चारि सुग्गा
हमर आँगन आइ आयल चारि सुग्गा
भोरमे जोरसँ जपै छै नाम रामक
जागि गेलै गाम जागल चारि सुग्गा
लाल लोलसँ खाइ छै मिरचाइ हरियर
नै कऽरू लागैछ भूखल चारि सुग्गा
ठोर पटकै संग सब नारियर फऽरपर
लोल टूटै नै जँ हारल चारि सुग्गा
मोन लागल खूब हमरा झूमि उठलौँ
साँझ पड़िते उड़ि कऽ भागल चारि सुग्गा
2122
फाइलातुन तीन बेर
बहरे-रमल
अमित मिश्र
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