शुक्रवार, 12 अक्टूबर 2012

गजल

बाल गजल-58

नानी गाम जेबै आइ बाबू संग
सालक बाद एबै आइ बाबू संग

जेबै हाट किनबै खाट अपना लेल
ललका जौर लेबै आइ बाबू संग

झारब झोल खीचब खोल बारब दीप
सौँसे घर सजेबै आइ बाबू संग

एलै छठि दिया बाती करब हुरदंग
आकाशी चलेबै आइ बाबू संग

गेबै गीत संगे मीत हम भरि राति
टोलाकेँ नचेबै आइ बाबू संग

गाछी देख बाछी देख आ खरिहान
सब गैया चरेबै आइ बाबू संग

राहरि दालि उसना भात आ तिलकोर
कोरा बैस खेबै आइ बाबू संग

मफऊलातु
2221 तीन बेर

अमित मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों