बाल गजल-58
नानी गाम जेबै आइ बाबू संग
सालक बाद एबै आइ बाबू संग
जेबै हाट किनबै खाट अपना लेल
ललका जौर लेबै आइ बाबू संग
झारब झोल खीचब खोल बारब दीप
सौँसे घर सजेबै आइ बाबू संग
एलै छठि दिया बाती करब हुरदंग
आकाशी चलेबै आइ बाबू संग
गेबै गीत संगे मीत हम भरि राति
टोलाकेँ नचेबै आइ बाबू संग
गाछी देख बाछी देख आ खरिहान
सब गैया चरेबै आइ बाबू संग
राहरि दालि उसना भात आ तिलकोर
कोरा बैस खेबै आइ बाबू संग
मफऊलातु
2221 तीन बेर
अमित मिश्र
नानी गाम जेबै आइ बाबू संग
सालक बाद एबै आइ बाबू संग
जेबै हाट किनबै खाट अपना लेल
ललका जौर लेबै आइ बाबू संग
झारब झोल खीचब खोल बारब दीप
सौँसे घर सजेबै आइ बाबू संग
एलै छठि दिया बाती करब हुरदंग
आकाशी चलेबै आइ बाबू संग
गेबै गीत संगे मीत हम भरि राति
टोलाकेँ नचेबै आइ बाबू संग
गाछी देख बाछी देख आ खरिहान
सब गैया चरेबै आइ बाबू संग
राहरि दालि उसना भात आ तिलकोर
कोरा बैस खेबै आइ बाबू संग
मफऊलातु
2221 तीन बेर
अमित मिश्र
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