बुधवार, 17 अक्तूबर 2012

गजल

ई हँसी हमर सुनलौं अहाँ
दर्दकेँ नै तँ बुझलौं अहाँ
  
दाँतकेँ बीचमे जीभ सन
मोनमे अपन मुनलौं अहाँ

नै हमर मोनकेँ चिन्हलौं
मुँह किए देख घुमलौं अहाँ  

प्रेमकेँ हमर हँसि बिसरलौं
मोनकेँ तोरि झुमलौं अहाँ

हाथ संगे खुशीकेँ पकरि
हृदय मनुकेर खुनलौं अहाँ 

(बहरे मुतदारिक, २१२-२१२-२१२)

@  जगदानन्द झा ‘मनु’

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों