शुक्रवार, 12 अक्तूबर 2012

गजल


बाल गजल-60

आइ नै हम मानबौ गै
ठोर एखन राँगबौ गै

पैघ झौँटा आब नोचै
भोरमे सब काटबौ गै

आब चाही हार हमरा
नै बधी हम बान्हबौ गै

शूज चाही बैग नवका
टाइ नीकसँ साजबौ गै

हाट चलबेँ चाट खेबेँ
नै जँ आँचर छोड़बौ गै

पैघ भेलौँ बढ़ल सऽख तेँ
राति दिन हम माँगबौ गै

पाइ नै दे टाइ नै दे
कान नै हम कानबौ गै

मुस्तफइलुन
2212 तीन बेर
बहरे-रजज

अमित मिश्र
 
 

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों