शुक्रवार, 12 अक्टूबर 2012

गजल

बाल गजल-62

नेबो तोड़ऽ गेलौँ पैघ साँप भेटल
गाछक ठाढ़िपर छल चैन भेल पसरल

नेबो संग लुधकल पात पियर हरियर
तैपर सजमनिक लत्ती हरियर लतरल

नै हम चिन्हलौँ दू बेर छूबि देलौँ
शीतल जखन लागल तखन साँप अभरल

डरलौँ हम तँ देहो काँपि गेल थर थर
किछु नै केलकै ओ हम तँ देख चौँकल

चोटाहल छलै पट्टी कऽ देलियै हम
करबै प्रेम किछु नै करत शेर भूखल

मफऊलातु-मफऊलातु-फाइलातुन
2221-2221-2122
अमित मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों