गजल
चेत जो रे बौआ जमाना बड खराप छै
बाप छै बेटा बनल ,बेटा बनल बाप छै
झूठ छै मीतक भेष झूठे भेल देश छै
पाप छै पुण्यक बात पुण्ये बनल पाप छै
द्रोहमे धधकै लोक गामक गाम शोकमे
सेकतै जे रोटी अपन ओकर तँ ताप छै
गोर छै चामक रंग आ कारी करेज छै
गारि छै बोली मीठका प्रवचन शराप छै
जागि जो बौआ देख दुनियाँ आँखि खोलिकेँ
चैन नै कखनो ओकरा जे बड खराप छै
2122-2212-2212-12
अमित मिश्र
चेत जो रे बौआ जमाना बड खराप छै
बाप छै बेटा बनल ,बेटा बनल बाप छै
झूठ छै मीतक भेष झूठे भेल देश छै
पाप छै पुण्यक बात पुण्ये बनल पाप छै
द्रोहमे धधकै लोक गामक गाम शोकमे
सेकतै जे रोटी अपन ओकर तँ ताप छै
गोर छै चामक रंग आ कारी करेज छै
गारि छै बोली मीठका प्रवचन शराप छै
जागि जो बौआ देख दुनियाँ आँखि खोलिकेँ
चैन नै कखनो ओकरा जे बड खराप छै
2122-2212-2212-12
अमित मिश्र
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें