हमरा इ सूचित करैत बड्ड नीक लागि रहल अछि जे " अनचिन्हार आखर"द्वारा स्थापित " गजल कमला-कोशी-बागमती-महानंदा" सम्मानक पहिल चरण बर्ख-2012 ( मास सितम्बर लेल ) पूरा भए गेल अछि। मास सितम्बर लेल कुन्दन कुमार कर्ण जीक एहि रचना के चयन कएल गेलैन्हि अछि। हुनका बधाइ।
गजल
करब कोना हम अहाँक बयान ये
अहाँ छी खुवासँ बनल पकवान ये
निखरल चेहरापर ठोरक लाली
जेना लागय दिनमें उगल चान ये
तुलना गुलाबसँ करी हम कोनाक
लागय छी नील गगन के समान ये
कोमल कायापर गोर गुलाबी गाल
जाही में अटकिगेल हमर प्राण ये
सिनेहक नजरिसँ अहाँ जे देखलौं
'कुन्दन' भगेल बहुते हरान ये
------------------------------ ----
सरल वार्णिक बहर
जेना लागय दिनमें उगल चान ये
तुलना गुलाबसँ करी हम कोनाक
लागय छी नील गगन के समान ये
कोमल कायापर गोर गुलाबी गाल
जाही में अटकिगेल हमर प्राण ये
सिनेहक नजरिसँ अहाँ जे देखलौं
'कुन्दन' भगेल बहुते हरान ये
------------------------------
सरल वार्णिक बहर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें