अनचिन्हार आखर
A Research Blog On Maithili Ghazal & Sher-o- Shayari
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शेर जे सभ दिन शेर रहतै
शुक्रवार, 12 अक्टूबर 2012
रुबाइ
बाल रुबाइ-21
हारल तेँ केओ गोस्सासँ झगड़ैए
केओ बस अपन बारी लेल लड़ैए
कखनो युद्ध स्थल बनि जाइ छै दलान
कखनो बाल मीत प्रेम रूप धरैए
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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
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