मंगलवार, 9 अक्टूबर 2012

गजल

गजल

कि लिखूँ हम गजल उमर नादान अछि
हुनकर दीवाना ई दुनिया जहान अछि

रुपकँ जलवा देखूँ लागै छथि चान सन
गोल गोल गोर गाल पूर्णिमा समान अछि

केश अहाँक रेशम सन आँखि मृग जेना
धायल भेलौँ देखिकँ होश नै ठेकान अछि
...

गुलाबी गाल पर नीक लागै ठोरक लाली
अहीँमे अटिकगेल छौड़ासभँकँ जान अछि

कमर जे लचकैये देखि मोन बहकैये
'मुकुन्द' के लागे जेना हुस्नके दोकान अछि

सरल वर्णिक बहर ,वर्ण 16
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. . . . . . . . .बाल मुकुन्द पाठक ।।

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों