गुरुवार, 11 अक्टूबर 2012

रुबाइ

छी हम जरैत   की अहाँ प्रकाशित रही

सुख लेल अहाँक खुशीसँ हम आँच सही 

बातीकेँ जरैत   ई दुनिया देखलक

बनि तेल हम तँ जरलौं दुख कतेक कही 

                   ✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’


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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों