सोमवार, 1 अक्तूबर 2012

गजल

हे भगवान अपन ताकत देखा दिअ
हुनका क्षण मे हमरा लग बजा दिअ

बहुत दिनसँ तरसैत छी प्रेम लेल
सोलहो श्रृंगार मे एहि ठाम पठा दिअ

दिन- राति आँखि सँ कोसी गंडक बहबौँ
बान्ह टूटल ई गामक गाम बहा दिअ

कानैत कानैत हमरा अहाँ हँसा दिअ
हुनको हमरे सन हालत बना दिअ

असगर बैसल छी नै नीन्न नै चैन आबै
मुकुन्द हमरासँ तँ गले लगबा दिअ

1 टिप्पणी:

  1. बेनामी10/02/2012 1:21 pm

    निक लागल इ गजल
    हम अभिषेक मेहता बिराटनगर नेपाल

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों