शनिवार, 6 अक्टूबर 2012

रुबाइ

देह जान सबटा    बाबूजी देलन्हि 
जे किछु छी एखन बाबूजी केलन्हि
अपने रहि भूखे   हमर पेट भरलन्हि
सुधि अपन बिसरि हमरा मनुख बनेलन्हि

                  ✍🏻 जगदानन्द झा ‘मनु’

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों