बाल गजल-57
चलि जाएब खाली पेट दिअ एगो सिलेट
दै इस्कूलमे बड भात भरि जाएत पेट
कपड़ा ओतऽ भेटत संग पोथी बहुत
बाबू आब हमरा रोकऽ नै जातै भऽ लेट
कागत कलम राखब जोतबै नै आब बरद
माँ गै पढ़ि कऽ बनबौ नीक नै माँजब पलेट
गामक लोक छौ बहसल करौ नै टोल साफ
बनबै जखन हम अफसर कऽ देबै मगज सेट
पहिने खूब पढ़बौ तखन करबौ खूब काज
आबेँ "अमित" पढ़ि ले बादमे खेल क्रिकेट
2221-2221-2221-21
अमित मिश्र
चलि जाएब खाली पेट दिअ एगो सिलेट
दै इस्कूलमे बड भात भरि जाएत पेट
कपड़ा ओतऽ भेटत संग पोथी बहुत
बाबू आब हमरा रोकऽ नै जातै भऽ लेट
कागत कलम राखब जोतबै नै आब बरद
माँ गै पढ़ि कऽ बनबौ नीक नै माँजब पलेट
गामक लोक छौ बहसल करौ नै टोल साफ
बनबै जखन हम अफसर कऽ देबै मगज सेट
पहिने खूब पढ़बौ तखन करबौ खूब काज
आबेँ "अमित" पढ़ि ले बादमे खेल क्रिकेट
2221-2221-2221-21
अमित मिश्र
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