बुधवार, 31 अक्टूबर 2012

गजल

बाल गजल-63

हमरा लेल छोटका भैयाकेँ साइकील बड़का
हम नै कानलौँ मुदा छै भैये कानि रहल उलटा

ललका रंग हमरकेँ भैयाकेँ साइकील करिया
भैयाकेँ पुरान लागै लागै हमर बहुत नवका

भैया हमर संगमे खेलब हमरो तँ छै अहीँकेँ
एखन छोटका लऽ खेलू हमहूँ खेलब लऽ बड़का


घंटी बाजि रहल टन टन चक्का नाचि रहल छम छम
रोड़ापर तँ कूदकै छै भेलै पार चारि खत्ता

भेलौँ पैघ आब हमहूँ छूटल संग छोटकाकेँ
पाछू बैसलनि हमर भैया चलबैत हम तँ बड़का

मफऊलातु-फाइलातुन
2221-2122 दू बेर

अमित मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों