शुक्रवार, 12 अक्टूबर 2012

गजल

बाल गजल-61

माँटिकेँ कर जोड़ि करियौ नमन बौआ
देख रहलौँ आइ सुन्नर सपन बौआ

भाग देशक ताग नेहक छी अहाँ यौ
छी अहाँ गमकैत मैथिल सुमन बौआ

पानिमे हम डूबि जीबै छी मुदा यौ
देख लै ई विश्व ताकत अपन बौआ

मारि झगड़ा नै फँसै से मोन राखू
शीत शोणित अपन नै छै जलन बौआ

चान सन सब गुण अहाँ एखन गढ़ू यौ
समय छै एखन बनू नव रतन बौआ

फाइलातुन
2122 तीन बेर
बहरे-रमल

अमित मिश्र

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों