मंगलवार, 2 अगस्त 2011

गजल

अँही साकी अँही छी पैमाना,
हम कतय जाइछी आब मैखाना।

जहिया सँ देखलहुँ अँहाके हम,
भ'गेलहुँ हम अहीँक दीवाना।

अहाँ ताकी त हमरा लगइऐ,
हमरा खातिर खुजल अछि मैखाना।

हमरा बुद्धियार सभ चेताबैत छथि,
जरि जेबैँ कियै बनल छै परवाना।


जान पहिचान अहाँ सँ की भेल,
भेल जग अनचिन्हार अनजाना।

सदरे आलम "गौहर"
व्याख्याता-एस॰ एम॰ जे॰ कॉलेज खाजेडीह
ग्राम+पो॰-पुरसौलिया,मधुबनी (847226)बिहार
मो॰-09006326629

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों