बुधवार, 10 अगस्त 2011

गजल

हँसैत जिनगी कना बैसल छी

मोनमे केकरो बसा बैसल छी


नहि होइक अन्हार कोबरमे

तँ तँए करेज जरा बैसल छी


उराहल पानिसँ कब्ज होइए

गंगो-जलके सड़ा बैसल छी


भेटबे टा करत केओ ने केओ

उम्मीदे पर तँ जिया बैसल छी


करोटक तँ परिवर्तन नाम

जखन की आत्मे सुता बैसल छी

**** वर्ण---------12*******

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों