मंगलवार, 30 अगस्त 2011

गजल

बनतै कतेक बहन्ना देखबाक चाही

ओ बनतै कतेक सन्ना देखबाक चाही


आब तँ भेल नूनो-सोहारी पर आफद

सुनू फटकी कतेक चन्ना देखबाक चाही


थपड़ी तँ अदौसँ बजिते आएल अछि

लुटतैके कतेक टन्ना देखबाक चाही


घरक बोझ छिड़िआ रहल सदिखन

कोम्हर हेड़ा गेल जुन्ना देखबाक चाही


खेतोके पता नहि की भए गेलैक अछि

खादोक बाद मरहन्ना देखबाक चाही



**** वर्ण---------15*******

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों