इजोतक दर्द अन्हार सँ पुछिऔ
धारक दर्द तँ किनार सँ पुछिऔ
नहि काटल गेल हएब जड़ि सँ
काठक दर्द तँ किनार सँ पुछिऔ
समदाउनो तँ निर्गुने बुझाएल
कञिआक दर्द कहार सँ पुछिऔ
अन्न-तीमनक प्रशंसा नीक गप्प
अनाजक दर्द ऐंठार सँ पुछिऔ
करबै की हाथ आ गरा मिला कए
इ दर्द तँ अनचिन्हार सँ पुछिऔ
**** वर्ण---------13*******
अति सुन्दर मन मोहित होगया आप के ब्लॉग पे आने से इस केलिए आप को बहुत बहुत धन्यवाद्
जवाब देंहटाएंआप मेरे ब्लॉग पे भी अपना कीमती समय निकाल के आवे
kshetriya bhasha men sarthak prastuti
जवाब देंहटाएंस्वाधीनता दिवस की शुभकामनाएं .
कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारें .