कहू, इ की केलहुँ बैसले-बैसल अँहा
आगि तँ लगेलहुँ बैसले-बैसल अँहा
रोड़ी कहींक इँटा-बालु सीमेंट कहींक
महल बनेलहुँ बैसले-बैसल अँहा
इन्द्र की करताह परतर अँहा संग
तंत्र जन्मा देलहुँ बैसले-बैसल अँहा
अगस्तस्य तँ पीने छलाह एकटा नदी
समुद्रो पी गेलहुँ बैसले-बैसल अँहा
लाठी-भाला लेने बैसल छल ओ खेत मे
साँढ़ ढ़ुका देलहुँ बैसले-बैसल अँहा
**** वर्ण---------15*******
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