शनिवार, 6 अगस्त 2011

गजल

गजल सुख जिनगीक गजल दर्द जिनगीक

रहए ठाढ़ अविचल गजल मर्द जिनगीक


अँहा हिमालयक भाए छी वा कैलाशक जन्मल

बनि गेल आगिक गोला गजल सर्द जिनगीक


देखए मे तँ हेतैक लाजो के लाज तेहने सन

देखाएत अंग-अंग गजल बेपर्द जिनगीक


अनचिन्हार साकी दए रहल गजलक हाला

बनल छैक दबाइ गजल बेदर्द जिनगीक


इ तँ साफ करबे करत कोने-कोन मे जा कए

देखू कोना पसरल छै गजल गर्द जिनगीक


**** वर्ण---------18*******

1 टिप्पणी:

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों