रविवार, 7 अगस्त 2011

गजल

भागब कोनाक दुर जीन्गी सँ
डरब किया मृत्यु केर चीन्गी सँ

जीबन जीब लेल हराण
तोडब त्रास हम जीन्गी सँ

मेटत बहुतो मित्र हित सब
चाहे करै घात कियो जीन्गी सँ

जीवन एकटा राजमार्ग छिऐक
बाचा तोडि चलब जीन्गी सँ

जँ कियो लेब चाहत हमर प्राण
दुर भऽ जायत ओ जीन्गी सँ

आओत फेर सुन्दर भोर
हिया हारी किया जीन्गी सँ

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों