शनिवार, 6 अगस्त 2011

गजल

लडकीकेँ जाईत नहि होईत छै
लडका अजाईत नहि होईत छै


आन्हर भऽ डुबल अछि जे प्रेममे
ओकरा दिनराईत नहि होईत छै


विवाह, जन्म, मृत्यु, छै देव लिखल
प्रेमक तऽ साईत नहि होईत छै


प्रेमक व्यवहारमे उँच निच की
कियो कोनो पाईत नहि होईत छै


हृदय उछलैछ कहियो आ कतौ
एकर कोनो माटि नहि होईत छै

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों