बिन पिउनहिं निशा लागल
निर्दोषे छलहँु मूदा बात लागल
ग्रहदशा बढिएँ कहैत छल
अचानक फेर साढे साती लागल
पसिना त हमरो बहल छल
उपलब्धि कमे हाथ लागल
खुशिक फुल टुटि खसल
प्रतिष्ठामें अनादरक लात लागल
अन्धकार मिटाबी मुख्य लक्ष्य छल
मूढा उल्टे पाँछा राति लागल !!
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शुक्रवार, 5 अगस्त 2011
गजल
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गजल,
prabin chaudhary 'pratik'
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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों
neek shuruaat
जवाब देंहटाएंsundar..kanek varnak sankhya sabh panti me barabar raakhab te aar neek rahat..sadar..
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