अनचिन्हार आखर
A Research Blog On Maithili Ghazal & Sher-o- Shayari
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शेर जे सभ दिन शेर रहतै
मंगलवार, 9 अगस्त 2011
रुबाइ
खूनके पानि बना देत ओ दोस्ती कोन काजक
माएके डाइन कहा देत ओ दोस्ती कोन काजक
मानल जे इ दोस्त जरुरी छै संसारमे सदिखन
मुदा परिवारो छोड़ा देत ओ दोस्ती कोन काजक
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