शुक्रवार, 5 अगस्त 2011

गजल



अडकल छै खुशि सबहक साँसमें
समटल छै दर्द सबहक साँसमें !

चहुँ दिसँ छै तबाही के संजाल
छै भय आ डर हटबाक आसमें !

दुःख आ दर्द क बिच
जीब रहल छै सब त्रासमें !

समाजक लपेटमें लपटल
धुडिअएल छै अपन-अपन बासमें !

गुण्डागर्दी छै कर्तव्य केर नाम पर
मनक बात है लसकल गाँसमें !!

2 टिप्‍पणियां:

तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों