शुक्रवार, 26 अगस्त 2011

गजल

अहूँ तँ पड़ाएल छलहुँ हमहूँ तँ पड़ाएल छलहुँ

अहूँ घबराएल छलहुँ हमहूँ घबराएल छलहुँ


शायद एहने भेंट लिखल छल कपारमे सदिखन

अहूँ तँ लजाएल छलहुँ हमहूँ तँ लजाएल छलहुँ


रुकलाहा जिनगीक लेल सौरी बेर-बेर सौरी सजनी

अहूँ उबिआएल छलहुँ हमहूँ उबिआएल छलहुँ


शेर तँ चल गेल आब ताल देनहे की हएत कहिऔ

अहूँ सुटिआएल छलहुँ हमहूँ सुटिआएल छलहुँ


रहि गेलहुँ अनचिन्हार करेज सटेलाक पछातिओ

अहूँ अगुताएल छलहुँ हमहूँ अगुताएल छलहुँ


**** वर्ण---------21*******

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों