शनिवार, 1 अक्तूबर 2011

गजल

पूछए लागल पात नुका कए रातिमे
बूझए लागल पात नुका कए रातिमे


हम तँ बेशर्मीक हद टपि गेलहुँ
हूथए लागल पात नुका कए रातिमे


नै छै पाइ जे कराओत इलाज दर्दक
कूथए लागल पात नुका कए रातिमे


सुआद तँ लगलैक खाली शोणित केर
चूसए लागल पात नुका कए रातिमे


अनचिन्हार स्पर्शक रहस्य बुझलहुँ
छूबए लागल पात नुका कए रातिमे



**** वर्ण---------15*******

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तोहर मतलब प्रेम प्रेमक मतलब जीवन आ जीवनक मतलब तों