बूझए लागल पात नुका कए रातिमे
हम तँ बेशर्मीक हद टपि गेलहुँ
हूथए लागल पात नुका कए रातिमे
नै छै पाइ जे कराओत इलाज दर्दक
कूथए लागल पात नुका कए रातिमे
सुआद तँ लगलैक खाली शोणित केर
चूसए लागल पात नुका कए रातिमे
अनचिन्हार स्पर्शक रहस्य बुझलहुँ
छूबए लागल पात नुका कए रातिमे
**** वर्ण---------15*******
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